थैलेसीमिया: ONLY FOR AWARENESS
थैलेसीमिया:
ONLY FOR AWARENESS.
पैथोफिजियोलॉजी:
1. हीमोग्लोबिन उत्पादन को प्रभावित करने वाला आनुवंशिक विकार
2. HBA1/2 या HBB जीन में म्यूटेशन
3. बीटा-ग्लोबिन श्रृंखला का उत्पादन कम या अनुपस्थित
4. अप्रभावी एरिथ्रोपोएसिस और हेमोलिसिस
5. आयरन ओवरलोड और ऑक्सीडेटिव तनाव
कारण:
1. आनुवंशिक म्यूटेशन
2. परिवारिक इतिहास
3. आयरन की अधिक मात्रा
लक्षण और संकेत:
1. एनीमिया
2. पीली त्वचा
3. थकान
4. कमजोरी
5. सांस की कमी
6. पीलिया
7. बढ़ा हुआ स्प्लीन
8. हड्डी की विकृतियां
9. विकास मंदता
होम्योपैथिक उपचार:
एक्यूट स्टेज:
1. फेरम फॉस्फोरिकम (30सी): एनीमिया और कमजोरी
2. चीना ऑफिसिनैलिस (30सी): एनीमिया और पीलिया
3. नुक्स वोमिका (30सी): थकान और कमजोरी
4. कैल्शियम फॉस्फोरिकम (30सी): हड्डी की विकृतियां और विकास मंदता
क्रॉनिक स्टेज:
1. फेरम मेटैलिकम (200सी): आयरन ओवरलोड और एनीमिया
2. कूप्रम मेटैलिकम (200सी): हेमोलिसिस और पीलिया
3. सैंग्विनारिया कैनाडेंसिस (200सी): बढ़ा हुआ स्प्लीन और लिवर
4. नैट्रम म्यूरिएटिकम (200सी): विकास मंदता और कमजोरी
अतिरिक्त उपाय:
1. आहार में परिवर्तन (फोलिक एसिड और आयरन की वृद्धि)
2. ऑक्सीडेंट दवाओं से बचाव
3. नियमित रक्त ट्रांसफ्यूजन (यदि आवश्यक हो)
4. केलेशन थेरेपी (यदि आवश्यक हो)
नोट:
1. होम्योपैथिक उपचार व्यक्तिगत होना चाहिए।
2. एक योग्य होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श करें।
3. थैलेसीमिया के लिए व्यापक प्रबंधन, जिसमें सम्मेलन चिकित्सा देखभाल शामिल है, की आवश्यकता होती है।
LONG LIVE HOMOEOPATHY
LONG LIVE HAHNEMANN
A SMALL SYNOPSIS BY DR ASHOK RAY
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