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प्रश्नः टीबी का उपचायर बताये

प्रश्नः टीबी का उपचायर बताये

उत्तर:  डॉ ज्योति ओम प्रकाश गुप्ता जबलपुर से इस ग्रुप में आपका बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहती हूं कि आपने अपनी समस्या ट्यूबरक्लोसिस के बारे में जो पूछा है। उसके बारे में मैं कुछ कहना चाहती हैं।

टीबी रोग का इलाज
केले के पेड़ का ताजा रस या सब्जी बनाने वाला कच्चा केला क्षय रोग को दूर करने के लिए रामबाण है। जिसे क्षय रोग हो चुका हो, कष्टदायक खाँसी होती हो, जिसमें अधिक मात्रा में बलगम निकलता हो, रात को इतना पसीना आता हो कि सब कपड़े ही भीग जायें, साथ ही बहुत तेज बुखार भी रहता हो, दस्त आते हों, भूख न लगती हो, वजन भी बहुत गिर चुका हो, उनको केले के मोटे तने के टुकड़े का रस निकाल और छानकर एक-दो कप ताजा रस हर दो घण्टे बाद घूँट-घूँट करके पिलाया जाये। तीन दिन रस बराबर पिलाने से रोगी को बहुत लाभ होगा। दो माह तक इस चिकित्सा से क्षय रोग से छुटकारा मिल सकता है। केले के पेड़ का रस हर 24 घण्टे के बाद ताजा ही निकालना चाहिए। 8-10 ग्राम केले के पत्ते 200 मिलीलिटर पानी में डालकर पड़ा रहने दें। इस पानी को छानकर एक बड़ा चम्मच दिन में तीन बार पिलाते रहने से फेफड़ों में जमी गाढ़ी बलगम पतली होकर निकल जाती है। केले के पत्तों का रस मधु में मिलाकर क्षय के रोगी को पिलाते रहने से भी फेफड़ों के घाव भर जाते हैं। बलगम कम हो जाती है और फेफड़ों से खून आना रुक जाता है।

उत्तर: रविन्द्र-
सबसे पहले मैं आपको धन्यवाद देना चाहता हूं इस बात के लिए कि आपने हिम्मत करके इस कठिन रोग का बारे में अपना समाधान जानने की जिज्ञासा रखे।

टी.बी./क्षय रोग के उपचार के लिए अन्य घरेलू उपाय

  • मुलेठी का एक छोटा टुकड़ा लेकर मुँह में रखकर चूसें।
  • ताजा लौकी के जूस को सेंधा नमक के साथ पिएँ।
  • अखरोट एवं लहसुन का गूदा समान मात्रा में पीसकर गाय के घी में भूनकर खाएँ।
  • अखरोट का सेवन करें। यह इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक) बढ़ाता है और टीबी के रोगी को बल प्रदान करता है।

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