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मुझे 2 दिनों से बार बार पेशाब…

प्रश्न: मुझे 2 दिनों से बार बार पेशाब करने जाना पड़ता है   झंडू कफ सिर्फ लिया था   बार बार पेशाब रोकने के उपाय बताए

 

उत्तर:-1 बार बार पेशाब आना बच्चों तथा बुज़ुर्गों में आम समस्या है। अक्सर बच्चे रात में भी बिस्तर गीला कर देतें हैं। कई बुज़ुर्ग महिलाओं में भी ये समस्या अधिक होती है। यहाँ तक की खांसते या हँसते समय भी पेशाब की बूंदें आ जाती है।

इसका मुख्य कारण पेशाब ग्रंथियों का ढीला हो जाना होता है।

इसके कुछ उपाय निम्न हैं :

एक अभ्यास बताता हूँ इसमें जब आप पेशाब करने जाएं तो तेज़ धार की पेशाब को बिच में २ सेकंड के लिए रोकें और ऐसा २-३ बार करें। इस दौरान उन मांसपेशियों को ढूंढने की कोशिश करें जिनके संकुचन से पेशाब रुकी है। उन मांसपेशियों को दिन में ३- ४ बार संकुचित करने का अभ्यास करें। इससे पेशाब रोकने की क्षमता में भी वृद्धि होगी।

पानी को गट गट करके एकसाथ पीना भूल जाइये और घूंट घूंट करके पूरे मुँह में घुमा घुमा कर पीने की आदत डालें जिससे उसमे लार घुल कर पेट में जाएगी जोकि मूत्र और किडनी सम्बन्धी व्याधियों के लिए रामबाण है।

श्याम तुलसी और इलाइची का काढ़ा सुबह पिएं।

गोखरू, गिलोय और काले तिल का काढ़ा लाभदायक है।

दूध में २ छुआरे/खजूर डाल कर तब तक उबालें जब दूध का रंग न बदल जाये और रात में पिएं और छुआरा अच्छे से चबा कर खाएं। इससे ग्रंथियों में तनाव आएगा।

चंद्रप्रभावटी और गुच्छूरादि गूगल १-१ गोली ले सकते हैं।

सुबह हाँथ की सबसे छोटी ऊँगली को ऊपर से बार बार दबाएं ये एक्युप्रेशर पॉइंट है। इसके अलावा हाँथ के पंजे के बीच के भाग को भी दबाएं।

 

उत्तर:-2 आपको यदि बार बार पेशाब आती है , यानी दिन में कई मर्तबा लागभग 12 से 15 बार तो आपको ये समस्या के निदान के लिए किसी यूरोलोजिस्ट को दिखाना चाहिए ,यूरोलोजिस्ट एक मूत्र रोग विशेसज्ञ मूत्र और गुर्दा रोग संबंधी सर्जन होता है , बार बार पेशाब आना ,आपके पेशाब की थैली के संकुचन के कारण होता है ,पेशाब करने का आभास मस्तिष्क को जब होता है तब मस्तिष्क पेशाब की थैली (urinary bladder)को संकुचित करके निकालने के लिए कहता है जब किसी समस्या के कारण मस्तिष्क में थैली के थोड़ा सा ही मूत्र भरे होने पर उसको खाली करने का संदेश पहुंच जाता है।

इस प्रकार ये समस्या का विश्लेषण एक अनुभवी यूरोसर्जन ही भलीभांति कर सकता है,डायग्नोस करने के बाद सही उपचार मिल सकता है।

बार-बार पेशाब आने का कारण कई बातों पर निर्भर कर सकता है। यह शारीरिक, आयुर्वेदिक, और मनोवैज्ञानिक कारकों के संयोग से हो सकता है। निम्नलिखित कुछ सामान्य कारण हो सकते हैं:

  1. मूत्रश्राव की अधिकता (Polyuria): पेशाब की अधिक मात्रा या मूत्रश्राव की अधिकता कई कारणों से हो सकती है, जैसे कि मधुमेह (डायबिटीज), मूत्राशय का संक्रमण, गुर्दे की समस्या, मानसिक तनाव, दरारी, दवाओं का सेवन आदि।
  1. इच्छापूर्ति (Urge Incontinence): यह एक मूत्रश्राव विकार है जिसमें पेशाब करने की अपेक्षा अचानक बढ़ जाती है और नियंत्रण खो जाता है। इसका कारण न्यूरोलॉजिकल (नस-तंत्रिक) समस्याएं, पेशाब के नियंत्रण में कमजोरी, आंत्र की संक्रमण, आंत्र में संकुचन, और मानसिक तनाव हो सकता है।
  1. संक्रमण (Infection): मूत्राशय या आंत्र में संक्रमण भी बार-बार पेशाब आने का कारण हो सकता है। संक्रमण के कारण मूत्राशय क्षेत्र में जलन, दर्द, और पेशाब करने में आराम न होना भी हो सकता है।
  1. पेशाब के नियंत्रण में कमजोरी (Bladder Weakness): मूत्राशय की कमजोरी या उसकी सही संकेतों की कमी भी बार-बार पेशाब को उत्पन्न कर सकती है। इसके कारण पेशाब को नियंत्रित करने की क्षमता में कमी हो सकती है।
  1. यौन अंगों की समस्या (Genitourinary Issues): यौन अंगों की समस्याएं भी बार-बार पेशाब को उत्पन्न कर सकती हैं, जैसे कि मूत्राशय की पतलापन, यौन संक्रमण, योनि के प्रदाह, गर्भाशय संक्रमण, या प्रोस्टेट की समस्या।

बार-बार पेशाब आना घरेलू उपाय: बार-बार पेशाब आना या बहुमूत्र रोग की समस्या बहुत से लोगों में पाई जाती है इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति दिन प्रतिदिन कमजोर होता जाता है साथ ही साथ कई मामलों में गंभीर मानसिक तनाव से पीड़ित हो जाता है बहुमूत्र रोग के कारण कई व्यक्तियों में नींद ना आने की समस्या भी हो जाती है कई बार कमर तथा कमर के निचले हिस्सों में दर्द रहने लगता है इस समस्या का सही से निदान कर उपचार करवाना बहुत जरूरी है अन्यथा मरीज की शारीरिक तथा मानसिक हालत दोनों पर ही इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है बार-बार पेशाब आना के घरेलू उपाय की चर्चा इस आर्टिकल में नीचे की गई है कृपया ध्यान से पढ़ें

बार-बार पेशाब आना कौन सी बीमारी है ?(बार-बार पेशाब आने का कारण)

वैसे तो इसका मेडिकल कारण कुछ भी हो सकता है जैसे कि…

शुगर (Diabetes) रोग

पेशाब के रास्ते के इनफेक्शंस (UTI)

वृद्ध अवस्था में प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ना (BPH)

अनुवांशिक (Hereditary) कारण

ओवरएक्टिव ब्लैडर सिंड्रोम (Overactive Bladder Syndrome)

गुर्दे के रोग (kidney diseases)

Pregnancy

इंटरस्टेशल सिस्टाईट्स (cystitis)

हाई ब्लड प्रेशर

मनोवैज्ञानिक कारण

मूत्राशय का कैंसर

मूत्रवर्धक दवा का सेवन

ठंडा वातावरण

ज्यादा व्यायाम करने से इत्यादि

बहुमूत्र रोग का सही से परीक्षण करवा कर इलाज करवाने से रिजल्ट बहुत अच्छे मिलते हैं यह रोग बच्चों से लेकर बूढ़ों तक किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है

 

महिलाओं को बार-बार पेशाब आना / बहुमूत्र रोग के लक्षण

इस रोग में पीड़ित व्यक्ति को बार-बार पेशाब आता है

थोड़ी थोड़ी देर बाद थोड़ी मात्रा में बार-बार (Frequency) पेशाब आता रहता है

पेशाब करने के बाद भी पेशाब की इच्छा (Urgency) बनी रहती है

कई बार पेशाब करने की इच्छा तीव्र होती है परंतु जोर लगाने पर पेशाब बहुत ही कम मात्रा (Hesitancy) में आता है

पेशाब करते वक्त जलन (Burning Sensation) का एहसास

बूंद बूंद करके पेशाब का आना

ब्लैडर को पूरी तरह से खाली नहीं कर पाना

पेशाब करने में परेशानी या ज्यादा समय लगना

पेशाब कंट्रोल नहीं कर पाना

पेशाब के रास्ते में पीड़ा (Pain during Micturation) का अनुभव होना इत्यादि

बहुमूत्र रोग का पता लगाने के लिए टेस्ट

अगर किसी व्यक्ति को बार-बार पेशाब आने की समस्या है तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर के द्वारा सही कारण का पता लगाने के लिए नीचे लिखे गए टेस्ट करवाए जा सकते हैं जैसे कि…

Urine Complete टेस्ट

Fasting Blood Sugar

Random Blood Sugar

Kidney Function Test

Ultrasonography

Uroflowmetry

Urodynamic (UDS) Study

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