वैदिक रिति से मनाई गई रक्षाबंधन
वैदिक रिति से मनाई गई रक्षाबंधन
“विद्या मंदिर” ट्यूशन परिसर में रक्षाबंधन का त्यौहार पूरे वैदिक रीति से मनाई गई !
इस भाग दौड़ वाले माहौल में भी बिहार राज्य के नवादा जिला में आर एम डब्लू कॉलेज के बगल में “विद्या मंदिर” ट्यूशन इंस्टीट्यूट के परिसर में 11th क्लास की छात्राओं ने अपने ही क्लास के लड़कों को भाई बनाने की जो विधि अपनाई है वह पूरी तरह से वैदिक रीति के तहत किया गया।
इस वर्ष रक्षाबंधन को वैदिक विधि से मनाने के लिए छात्राओं pने निम्नलिखित चरणों का पालन किया
1. _स्नान और पूजा_: सुबह अपने अपने घरों से स्नान और पूजा करके सारे विद्यार्थि आये।
2. _राखी की तैयारी_: सभी छात्राओं ने अपनी अपनी राखी को पूजा स्थल पर रखी और उसकी पूजा की।
3. _भाई की पूजा_:भाई को पूजा स्थल पर बैठाकर उसकी पूजा की।
4. _राखी बांधना_: सभी छात्राओं ने अपने नए भाई के हाथ पर राखी बांधी।
5. _मंत्र उच्चारण_:राखी बांधते समय वैदिक मंत्रों का उच्चारण किया गया।
6. _तिलक और अक्षत_:भाई के माथे पर तिलक लगाई और अक्षत भी चढ़ाई।
7. _आरती और पूजा_:राखी बांधने के बाद आरती और पूजा किया गया।
8. _भाई-बहन का प्यार_:भाई-बहन के बीच प्यार, सुरक्षा और स्नेह का आदान-प्रदान करने का वादा भी किया गया ।
9. _प्रसाद वितरण_:प्रसाद वितरित किए गए।
10. _आशीर्वाद_:भाई-बहन को वहां उपस्थित गुरुजनों ने दिल खोलकर आशीर्वाद दिये।
रक्षाबंधन एक ऐसा त्यौहार है जो भाई-बहन के प्यार, सुरक्षा और स्नेह का प्रतीक है। आज यहां के विद्यार्थियों ने इस त्योहार को बड़े ही उत्साह और जोश के साथ मनाया।
हमारे पत्रकार जब वहां के विद्यार्थियों से बातचीत की तो कुछ इस तरह की झलक सामने आई
11th क्लास में पढ़ रहे 👉🏽”मृत्युंजय प्रकाश” —-का कहना था कि हमारे साथ पढ़ रही बहनों (कनिष्का, मुस्कान ,कशिश, अंजलि, मोना और मान्या) ने मेरी कलाई पर राखी बांधी और मुझे कैटबेरी कंपनी का मिठाई खिलाई। मैंने ने भी अपनी बहनों को उपहार दिए और उन्हें आश्वस्त किया कि वे हमेशा उनकी रक्षा करेंगे।
इस त्योहार का उद्देश्य भाई-बहन के बीच प्यार और स्नेह को बढ़ावा देना है। हमें यह त्योहार याद दिलाता है कि भाई-बहन का रिश्ता कितना खास है और हमें इसे हमेशा संजो कर रखना चाहिए।
आज के दिन हमने न केवल रक्षाबंधन मनाया, बल्कि हमने अपने भाई-बहन के प्यार और स्नेह को भी महसूस किया। हमें यह त्योहार हर साल मनाना चाहिए और अपने भाई-बहन के प्यार और स्नेह को हमेशा संजो कर रखना चाहिए।
आज मैं और हमारी नई नवेली बहनों ने एक दूसरे को निम्नलिखित वचन भी दिये । मैंने बहनों को वचन दिया दिया है कि
1. _सुरक्षा का वचन_: मैं तुम्हारी सुरक्षा का वचन देता हूँ, तुम्हारी रक्षा करूँगा।
2. _समर्थन का वचन_:मैं तुम्हारे साथ हूँ, तुम्हारे हर कदम में तुम्हारा साथ दूँगा।
3. _प्यार का वचन_:मैं तुमसे प्यार करता हूँ, तुम्हारे लिए हमेशा खड़ा रहूँगा।
4. _विश्वास का वचन_:मैं तुम पर विश्वास करता हूँ, तुम्हारे निर्णयों का सम्मान करूँगा।
👉🏽 मान्या कुमारी —— इस कक्षा की पढ़ रही मान्या ने बताई कि राखी का त्योहार भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है, और इसका उद्देश्य भाई-बहन के बीच प्यार और स्नेह को बढ़ावा देना है। राखी को पैसे से तौलना इस त्योहार के मूल उद्देश्य के विरुद्ध है।पैसे से तौलने से राखी का त्योहार व्यावसायिक हो जाता है और इसका महत्व कम हो जाता है। राखी का त्योहार प्यार, स्नेह के बारे में है, न कि पैसे के बारे में। मेंने अपने भाई “मृत्युंजय प्रकाश” को आज वचन दी हूं कि
1. _स्नेह का वचन_:मैं तुमसे स्नेह करती हूँ, तुम्हारे लिए हमेशा प्यार से रहूँगी।
2. _समर्थन का वचन_:मैं तुम्हारे साथ हूँ, तुम्हारे हर कदम में तुम्हारा साथ दूँगी।
3. _विश्वास का वचन_:मैं तुम पर विश्वास करती हूँ, तुम्हारे निर्णयों का सम्मान करूँगी।
4. _प्रेरणा का वचन_:मैं तुम्हें प्रेरित करूँगी, तुम्हारे सपनों को पूरा करने में मदद करूँगी।
👉🏽 कनिष्का कुमारी का कहना है कि राखी के त्योहार को प्यार और सुरक्षा के प्रतीक के रूप में मनाना चाहिए। भाई-बहन को एक दूसरे के साथ समय बिताना चाहिए, एक दूसरे के साथ बातें करनी चाहिए, और एक दूसरे के प्रति प्यार और स्नेह दिखाना चाहिए। यही राखी के त्योहार का सच्चा अर्थ है। परंतु हमारे इस पवित्र त्यौहार को काफी लोग गंदा करके रख दिए हैं ।इस रेशम के धागे को बदनाम करके रख दिए हैं और इस राखी को कुछ भाई इसलिए भी नहीं मनाना चाहती क्योंकि वे सोचते हैं कि मुझे कुछ न कुछ गिफ्ट यानी उपहार अवश्य देना पड़ेगा जो की काफी गलत है। पवित्र राखी को पैसे से तोड़ना बिल्कुल गलत मुझे लगता है ऐसा कभी नहीं होना चाहिए।
👉🏽 मुस्कान कुमारी—- का कहना है कि उपहार देना और राखी का उपहास करना दो अलग-अलग चीजें हैं। राखी का उपहास करना मतलब है कि राखी के त्योहार का मजाक उड़ाना या इसके महत्व को कम करना।
उपहार देना अगर राखी के त्योहार के महत्व को कम करने या इसका मजाक उड़ाने के लिए किया जाता है, तो यह गलत है। लेकिन अगर उपहार देना भाई-बहन के बीच प्यार और स्नेह का प्रतीक है और राखी के त्योहार के महत्व को बढ़ावा देता है, तो यह सही है।
हमारा यह राखी का त्योहार भाई-बहन के बीच प्यार, स्नेह और सुरक्षा का प्रतीक है, और इसका उपहास करना या इसके महत्व को कम करना गलत है। हमें राखी के त्योहार का सम्मान करना चाहिए और इसके महत्व को बढ़ावा देना चाहिए।
👉🏽 कशिश कुमारी ——का मानना है कि उपहार देना और राखी का उपवास करना दो अलग-अलग चीजें हैं। राखी के दिन अगर भाई कुछ उपहार देता है तो यह एक पारंपरिक प्रथा है जिसमें बहन अपने भाई की लंबी उम्र और सुखी जीवन के लिए उपवास करती है।
उपहार देना और उपवास करना दोनों ही राखी के त्योहार का हिस्सा हो सकते हैं, लेकिन ये दोनों अलग-अलग चीजें हैं। उपहार देना भाई-बहन के बीच प्यार और स्नेह का प्रतीक है, जबकि उपवास करना बहन के भाई के प्रति समर्पण और शुभकामनाओं का प्रतीक है।
यह जरूरी नहीं है कि उपहार देने से राखी के महत्व को कम नहीं किया जा सकता है। बहनें अपने भाई के लिए उपवास कर सकती हैं और साथ ही उन्हें उपहार भी दे सकती हैं। यह दोनों चीजें एक साथ की जा सकती हैं और राखी के त्योहार को और भी खास बना सकती हैं।
👉🏽 अंजलि चौधरी —— बताती है कि रक्षाबंधन पर उपहार देना एक पारंपरिक और सांस्कृतिक प्रथा है, जो भाई-बहन के बीच प्यार और स्नेह को बढ़ावा देती है।
हमारे पत्रकार ने साफ साफ जब पूछा कि क्यों रक्षाबंधन पर उपहार देना जरूरी है ? तो इस पर उनके कई तरह के विकल्प देखने को मिले जैसे….
1. _प्यार और स्नेह का प्रतीक_: उपहार भाई-बहन के बीच प्यार और स्नेह का प्रतीक है।
2. _सम्मान और आदर_: उपहार बहन के सम्मान और आदर का प्रतीक है।
3. _रिश्तों को मजबूत बनाना_: उपहार भाई-बहन के बीच रिश्तों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
4. _खुशी और उत्साह_:उपहार बहन को खुशी और उत्साह देता है।
5. _पारंपरिक प्रथा_:उपहार देना एक पारंपरिक प्रथा है जो पीढ़ियों से चली आ रही है।
👉🏽मोना कुमारी—- ने बताया कि राखी को पैसे से तौलना एक प्रथा है जिसमें भाई अपनी बहन को राखी बांधने के बदले में पैसे देता है। यह प्रथा विभिन्न संस्कृतियों और समाजों में अलग-अलग तरीकों से मनाई जाती है जो कि मेरी विचार से बिल्कुल गलत है इसके कई कारण है जैसे कि
1. _राखी का अर्थ_:राखी का अर्थ भाई-बहन के बीच प्यार, स्नेह और सुरक्षा का प्रतीक है, न कि पैसे का।
2. _पैसे की महत्ता_: यह पैसे की महत्ता को बढ़ावा देता है और राखी के वास्तविक अर्थ को कम कर देता है।
3. _सामग्री सुख_: यह सामग्री सुख की ओर ले जाता है और भाई-बहन के बीच प्यार को कम कर देता है।
4. _अनुचित अपेक्षाएं_:यह अनुचित अपेक्षाओं को जन्म दे सकता है और बहन को पैसे की अपेक्षा में राखी बांधने के लिए प्रेरित कर सकता है।
5. _रिश्तों का व्यावसायीकरण_:यह रिश्तों का व्यावसायीकरण करता है और भाई-बहन के बीच प्यार को कम कर देता है।
यह सारा कार्यक्रम गुरुजनों के देख रेख में किया गया। उस समय “विद्या मंदिर” के संचालक और गणित के गणितज्ञ श्री रितेश सर, भौतिकी के महानायक श्री आर पी शर्मा सर एवं रसायन शास्त्र के महारथी श्री रामबिलास सर आदि मौजूद थे।
निष्कर्ष: रक्षाबंधन पर उपहार देना एक जरूरी प्रथा है जो भाई-बहन के बीच प्यार और स्नेह को बढ़ावा देती है। उपहार विचारों को ध्यान में रखते हुए, आप अपनी बहन को एक अच्छा उपहार दे सकते हैं जो उसे खुशी और उत्साह देगा परंतु यह गलत ढंग से और गलत तरीके से कमाए हुए पैसे से खरीदा गया उपहार कभी नहीं दें।
धन्यवाद………..