Evil & Superstition
समाज में ऐसी कई अंधविश्वासपूर्ण धारणाएँ हैं, जिनमें से एक यह भी है कि शादी के मंडप में सफेद दाग (ल्यूकोडर्मा) वाले व्यक्ति को बैठाना अशुभ होता है। लेकिन यह पूरी तरह से गलत और भ्रामक धारणा है।
इस अंधविश्वास के पीछे कारण:
- अज्ञानता और गलतफहमियाँ: पुराने समय में लोग सफेद दाग को छूत की बीमारी मानते थे, जबकि यह संक्रामक नहीं है।
- सौंदर्य की धारणा: सफेद दाग त्वचा पर दिखने के कारण लोग इसे अपशकुन मानते थे, लेकिन यह केवल एक त्वचा संबंधी स्थिति है, न कि कोई श्राप।
- अनुवांशिक डर: कुछ मामलों में यह अनुवांशिक हो सकता है, इसलिए लोग इसे शादी से जोड़कर देखते हैं, लेकिन हर केस में यह जरूरी नहीं कि अगली पीढ़ी को भी हो।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सत्य:
- सफेद दाग कोई अभिशाप या पाप नहीं, बल्कि एक ऑटोइम्यून बीमारी है।
- यह किसी भी सामाजिक, धार्मिक या व्यक्तिगत अनुष्ठान को प्रभावित नहीं करता।
- सफेद दाग से पीड़ित व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ होते हैं और वे शादी या किसी भी धार्मिक कार्य में भाग ले सकते हैं।
निष्कर्ष:
यह एक पूरी तरह से बेबुनियाद अंधविश्वास है। शादी के मंडप में बैठने का अधिकार सभी को समान रूप से है, चाहे उनकी त्वचा किसी भी प्रकार की हो। ऐसे अंधविश्वासों को तोड़ना और वैज्ञानिक सोच को अपनाना जरूरी है।
सफेद दाग से जुड़े मिथकों को दूर करें
मिथक | सच्चाई |
---|---|
सफेद दाग छूने से फैलता है | यह संक्रामक नहीं है |
यह खाने-पीने से होता है | इसका खान-पान से कोई संबंध नहीं |
यह लाइलाज है | इलाज और दवाओं से इसे नियंत्रित किया जा सकता है |
इससे शादी नहीं हो सकती | यह सिर्फ त्वचा की स्थिति है, इसका वैवाहिक जीवन से कोई संबंध नहीं |
#SayNoToDiscrimination, #VitiligoAwareness, #VitiligoStories, #ShineBeyondSpots, #HumSabEk, #VitiligoSupportIndia, #VitiligoAwarenessHub, #SpotlessSouls, #VitiligoWarriors, #DignityOverDiscrimination, #VitiligoConnect