अग्निप्रदीपक शूलनाशक यवागू की विधि और लाभ
अग्निप्रदीपक शूलनाशक यवागू की विधि और लाभ
अग्निप्रदीपक शूलनाशक यवागू बनाने के लिए पिपली, पीपलामूल, चव्य, चित्रकमूल और सौंठ प्रत्येक 2-2 ग्राम लेकर 640 ग्राम पानी में मध्यम आंच पर पकाएं जब तक कि 320 ग्राम पानी बच जाए। फिर इसे छानकर उसमें 60 ग्राम चावल डालकर पकाएं। जब चावल अच्छी तरह पककर छोटे-छोटे कणों के रूप में टूट जाए तो इसे उतारकर सेवन करें।
इस यवागू को पतली मूंग दाल या रोगानुसार सब्जी के साथ अनुकूलता के हिसाब से खाया जा सकता है।
लाभ:
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भूख बढ़ाता है
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पेट दर्द को दूर करता है
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कफ और वात से होने वाली भूख की समस्याओं में अमृत तुल्य है