मुंह के छालों के सबसे असरकारक घरेलु उपचार
मुंह के छालों के सबसे असरकारक घरेलु उपचार
मुंह में छाले होना रूयदि मुंह में छाले होंगे तो हम आहार को भली प्रकार चबा नहीं सकेगें। शुद्ध तथा स्वस्थ लार भी तैयार नहीं होगी। पेट-भर भोजन भी नहीं खा सॅकेंगे। इतना ही नहीं, इन छालों के कारण ठोस आहार, फल, सब्जियां, सूखे मेवे, सलाद आदि कुछ भी अच्छी तरह नहीं खा सकेंगे। केवल तरीदार, तरल आहार परें निर्भर रहना पड़ेगा, जो शरीर की सभी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम नहीं होता। इस प्रकार शरीर दुर्बल रह जाएगा, जिसके कारण शारीरिक तथा मानसिक कार्य पूरी तरह नहीं किए जा सकेगें। अतरू उपचार करके, इनसे तुरंत छुटकारा पाना चाहिए।
मुंह में छाले क्यों होते हैं इसके कारणः
1. यदि पेट खराब होगा, कब्ज, दस्त या दुर्गधयुक्त पाखाना, आएगा तो मुंह में छाले हो सकते है।
2. अपने भोजन में मसालों, तेज मिर्च आदि का अधिक प्रयोग करना या अधिक गरम भोजन खाना, छालों के कारण बन सकते हैं
3. अधिक गरम तथा अधिक ठंडा भोजन एक साथ लेने से मुंह में छाले हो जाते है।
मुंह में छालों का देशी इलाजः
छालों को उत्पन्न करने वाले सभी कारणों को खत्म करने के लिए यहां विभिन्न उपचार दिए जा रहे हैंः
- मान लो छाले मुंह के साथ-साथ गले तक भी पहुंच गए हो, तो इससे शहतूत का रस बड़ा उपयोगी होता है। ताजा रस का एक-एक कप सुबह और शाम को पिएं। कुछ दिनों तक इसी तरह सुबह-शाम रस पिए।
- आप सत्यानाशी की टहनी से धीरे-धीरे दातुन करें। इस टहनी से ही। मुंह साफ करें। छाले नहीं रहेंगे।
- आप जहां रहते है, यदि वहां आक की झाड़ियां हो, तो आक का दूध निकाले। उस दूध से शहद मिलाकर मुंह में लगाने से छाले नहीं रहते।
- अपने किचन गार्डन से हरा पुदीना तोड़ें, घर में रखा सुखा धनिया और रसोई से मिसरी ले। इन सबका वजन समान हो। तीनों को इकट्ठा मुंह में डालकर चबाएं। इससे मुंह के छाले शीघ्र खत्म हो जाते है।
- पानी में एक चम्मच फिटकरी डालें, उसे अच्छी तरह से मिला लें। इस पानी से दिन में चार बार कुल्ला करें।
- रात को सोते समय मक्खन या घी लगा लें, जलन शांत होगी और छाले जल्दी ठीक होंगे।
- मिश्री व इलायची साथ लेकर चबाएं, छाले ठीक होंगे।
- हरड़ घिसकर लेप तैयार कर, छालों पर लेप करें, आराम मिलेगा।
- सूखा नारियल दिन में तीन-चार बार चबाएं, लाभ होगा।
- आंवले के पत्तों को एक लीटर पानी में उबालें, पानी छानकर फ्रिज में रख लें। दिन में चार बार इसी जल से कुल्ला करें।
- ताजे बेलपत्र दिन में तीनचार बार चबाएं, छाले जल्दी ठीक होंगे।
- छोटी पीपल को पीसकर शहद में मिलाएं। इस मिश्रण का जीभ व मुंह के भीतरी हिस्से में लेप करें, छालों में शीघ्र आराम मिलेगा।
- मुंह के छाले होने पर दो चम्मच हल्दी चूर्ण लें और दो गिलास पानी में खूब उबालें। इसके बाद ठंडा करके उस पानी से गरारे करें। मुंह के छालों के लिए उपयोगी है।
- मुंह के छाले होने पर मुलहठी चूसें।
- कत्थे के साथ अमरूद की पत्तियां चबाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
- जिन्हें बार-बार छाले होते हैं उन्हें टमाटर अधिक खाने चाहिए। टमाटर का रस पानी में मिलाकर कुल्ला करने से छाले मिट जाते हैं।
- साबुत धनिया पानी में उबालकर गरारे करें। पिसा हुआ धनिया छालों पर डालकर लार टपकायें।
- धनिये का बारीक चूर्ण, बोरेक्स अथवा खाने वाला सोडा मिलाकर छालों पर लगाने से लाभ पहुंचता है।
- गाजर के रस में थोड़ी-सी फिटकरी मिलाकर कुल्ला करने से भी मुंह तथा जीभ के छाले समाप्त हो जाते हैं।
- भोजन के बाद नित्य एक चम्मच त्रिफला चुर्ण लेने से उदर ठीक रहता है और छाले होने की संभावना नहीं रहती।
- चमेली के पत्ते पान की तरह चबाएं, छालों में आराम होगा।
- एक ग्राम कत्थे को एक छोटी चम्मच शहद में मिलाकर रख लें । छालों पर उगली से दिन में तीन बार लगाएं । साथ ही आधा चम्मच गुलकंद दिन में दो बार, दूध में मिलाकर पिएं।
- मुंह के छालों में पेट साफ रखना भी जरूरी है । इसके लिए रात को सोते समय एक कप मीठे गर्म दूध में आधा चम्मच देशी घी डालकर पिएं।
निरोगी रहने हेतु महामन्त्रः
मन्त्र 1ः-
- भोजन व पानी के सेवन प्राकृतिक नियमानुसार करें
- रिफाइन्ड नमक,रिफाइन्ड तेल,रिफाइन्ड शक्कर (चीनी) व रिफाइन्ड आटा ( मैदा ) का सेवन न करें
- विकारों को पनपने न दें (काम,क्रोध, लोभ, मोह, इर्ष्या)
- वेगो को न रोकें ( मल,मुत्र,प्यास,जंभाई, हंसी, अश्रु, वीर्य, अपानवायु, भूख,छींक,डकार,वमन,नींद,)
- एल्मुनियम बर्तन का उपयोग न करें ( मिट्टी के सर्वाेत्तम)
- मोटे अनाज व छिलके वाली दालों का अत्यद्धिक सेवन करें
- भगवान में श्रद्धा व विश्वास रखें
मन्त्र 2ः-
- पथ्य भोजन ही करें ( जंक फूड न खाएं)
- भोजन को पचने दें ( भोजन करते समय पानी न पीयें एक या दो घुट भोजन के बाद जरूर पिये व डेढ़ घण्टे बाद पानी जरूर पिये)
- सुबह उठेते ही 2 से 3 गिलास गुनगुने पानी का सेवन कर शौच क्रिया को जाये
- ठंडा पानी बर्फ के पानी का सेवन न करें
- पानी हमेशा बैठ कर घुट घुट कर पिये
- बार बार भोजन न करें आर्थत एक भोजन पूर्णतः पचने के बाद ही दूसरा भोजन करें
भाई राजीव दीक्षित जी के सपने स्वस्थ भारत समृद्ध भारत और स्वदेशी भारत स्वावलंबी भारत स्वाभिमानी भारत के निर्माण में एक पहल आप सब भी अपने जीवन मे भाई राजीव दीक्षित जी को अवश्य सुनें
स्वदेशीमय भारत ही हमारा अंतिम लक्ष्य है:- भाई राजीव दीक्षित जी
मैं भारत को भारतीयता के मान्यता के आधार पर फिर से खड़ा करना चाहती हूँ उस काम मे लगी हुई हूँ।
वन्देमातरम
जय हिंद
डा ज्योति ओमप्रकाश गुप्ता
मोबाइल: 9399341299