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सम्पूर्ण गरुड़ पुराण (हिन्दी में) {तेरहवां अध्याय} “सपिण्डनादि-सर्वकर्मनिरुपण” नामक

सम्पूर्ण गरुड़ पुराण (हिन्दी में) “सपिण्डनादि-सर्वकर्मनिरुपण” नामक {तेरहवां अध्याय} अशौचकाल का निर्णय, अशौच में निषिद्ध कर्म, सपिण्डीकरण श्राद्ध, पिण्डमेलन की प्रक्रिया, शय्यादान, पददान तथा गया श्राद्ध की महिमा गरुड़ उवाच गरुड़जी ने कहा – हे प्रभो! सपिण्डन की विधि, सूतक का निर्णय और शय्यादान तथा पददान की सामग्री एवं उनकी [...]

सम्पूर्ण गरुड़ पुराण (हिन्दी में) – बभ्रुवाहन प्रेत संस्कार कथा | सातवां अध्याय

सम्पूर्ण गरुड़ पुराण (हिन्दी में) बभ्रुवाहनप्रेतसंस्कार नामक {सातवां अध्याय} 〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️ इस अध्याय में पुत्र की महिमा, दूसरे के द्वारा दिये गये पिण्डदान आदि से प्रेतत्व से मुक्ति की बात कही गई है – इस संदर्भ में राजा बभ्रुवाहन तथा एक प्रेत की कथा का वर्णन है। सूत उवाच सूतजी ने [...]

गरुड़ पुराण दूसरा अध्याय : यममार्ग और वैतरणी नदी का भयावह वर्णन

दूसरा अध्याय : यममार्ग और वैतरणी नदी का भयावह वर्णन दूसरा अध्याय 〰️〰️🌼〰️🌼〰️🌼〰️〰️ गरुड़ उवाच – गरुड़ जी ने कहा – हे केशव ! यमलोक का मार्ग किस प्रकार दु:खदायी होता है। पापी लोग वहाँ किस प्रकार जाते हैं, वह मुझे बताइये। श्रीभगवानुवाच – श्री भगवान बोले – हे गरुड़ [...]

पितृपक्ष 2025: आटा गूंथने के बाद महिलाएं क्यों लगाती हैं उंगलियों के निशान? जानें पितरों से जुड़ी मान्यता 🌺

पितृपक्ष 2025: आटा गूंथने के बाद महिलाएं क्यों लगाती हैं उंगलियों के निशान? जानें पितरों से जुड़ी मान्यता 🌺 रसोई और धर्म का गहरा संबंध भारतीय संस्कृति में रसोई से जुड़े कई कार्य केवल घरेलू आदतें नहीं बल्कि धार्मिक मान्यताओं से भी जुड़े हुए हैं। इन्हीं में से एक परंपरा [...]

✨ सम्पूर्ण गरुड़ पुराण – पहला अध्याय

✨ सम्पूर्ण गरुड़ पुराण – पहला अध्याय पाप और पुण्य का फल | यममार्ग की कथा | पिण्डदान का रहस्य पहला अध्याय 〰️〰️🌼〰️🌼〰️🌼〰️〰️ (भगवान विष्णु तथा गरुड़ के संवाद में गरुड़ पुराण – पापी मनुष्यों की इस लोक तथा परलोक में होने वाली दुर्गति का वर्णन, दश गात्र के पिण्डदान [...]

उत्तराखंड के चार प्रमुख धामों में से एक गंगोत्री…

उत्तराखंड के चार प्रमुख धामों में से एक गंगोत्री धाम की कथा श्रद्धालु यहां गंगा स्नान करके मां के दर्शन और पव‌ित्र भाव से केदारनाथ को अर्प‌ित करने ल‌िए जल लेते हैं। गंगोत्री समुद्र तल से ९,९८० (३,१४० मी.) फीट की ऊंचाई पर स्थित है। गंगोत् से ही भागीरथी नदी [...]