सम्पूर्ण गरुड़ पुराण (हिन्दी में) {तेरहवां अध्याय} “सपिण्डनादि-सर्वकर्मनिरुपण” नामक
सम्पूर्ण गरुड़ पुराण (हिन्दी में) “सपिण्डनादि-सर्वकर्मनिरुपण” नामक {तेरहवां अध्याय} अशौचकाल का निर्णय, अशौच में निषिद्ध कर्म, सपिण्डीकरण श्राद्ध, पिण्डमेलन की प्रक्रिया, शय्यादान, पददान तथा गया श्राद्ध की महिमा गरुड़ उवाच गरुड़जी ने कहा – हे प्रभो! सपिण्डन की विधि, सूतक का निर्णय और शय्यादान तथा पददान की सामग्री एवं उनकी [...]
